चिड़ियाँ चहक रही है... ( Sparrow Day )

(गौरैया का चित्र)

*चिड़ियाँ चहक रही है*

चिड़ियाँ चहक रही है...
चिड़िया चहक रही है...

वृक्ष शाखा रूपी कंथा पर
बैठी चिड़ियां चहक रही है।

फूलों का इत्र लगाती
चिड़ियाँ चहक रही है....

बसंत फुहार को छु-छूकर
चिड़ियाँ चहक रही है....

नीम निम्बोरी खट्टी खाकर
चिड़ियाँ चहक रही है...

भोर होते ही मानवजागृति के लिए
सुबह सुबह चिड़ियां चहक रही है....

अपने कमलनयनों से प्रकृति को
निहार- निहारकर चिड़ियां चहक रही है....

लंका की अशोक वाटिका में बैठी
सुंदरी सिया का मन बहलाती
चिड़ियाँ चहक रही है...

अपनी छोटी सी उम्र के हर बसंत
तक चिड़ियाँ चहक रही है...

अपनी अंतिम श्वाश प्रश्वाश
 तक चिड़ियाँ चहक रही है....

अब अपनी हर श्वाश जी- लेने के बाद
चिड़ियाँ की चहक अब नही रही है....!

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एक चिड़ियाँ का जीवन बहुत ही मधुर और कठिन होता है न घर न बार फिर भी वह जीवन जी लेती है। दोस्तों एक कविता के माध्यम से मैंने चिड़िया का जीवन दर्शाने का प्रयास किया है यह छोटा सा जीवन जी लेने दो उस प्यारी सी नन्ही सी चिड़ियाँ को उसे मत रोको।

“इस चिड़ियाँ के मधुर कलरव को गूंजने दो,
मेरी इस चिड़ियाँ को स्वतंत्रता से कूंजने दो॥”

                   

आज विश्व गौरैया संरक्षण दिवस पर आप सभी से अनुरोध है कि उस चिड़ियाँ को रक्षित करें...
🙏🙏🙏




“चिड़ियाँ के इस मधुर रूप को देख कर तो
मैं अपनी सारी संपत्ति अपना प्यार दुलार.
अपना सर्वस्व उस पर न्योछावर कर दूँ...”




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