Humnein Dekha Hai - हमनें देखा है...


“हमनें देखा है”

पूछ न हमसे, मूढ़ मानस!
हमने क्या-क्या अब तक देखा है
सोच मिटे जहाँ सभन की वो
हमने देखा है...

दस बारा में पढ़ने वाली
मासूम लरकियन का बचपन
चूल्हे-चौके घर बच्चों में बीतते
हमने देखा है..

बोरी भर गेंहूँ में
हमने कनक आभूषणों 
घर आंगन परिवार को बिकते
हमने देखा है...

मर्द जात की दारुणता
सहती औरत की हूक के
जलधारा को धरा पर गिरते
हमने देखा है...

रिश्तों को शर्मसार कर
अपनों को ही घर सम्पत्ति खातिर
एक दूजे का गला चीरते 
हमने देखा है...

कभी आंधी कभी तूफान
प्रकृति की लाई भयावह त्रासदियों में
पानी पर लाशों को तिरते 
हमने देखा है...

मत पूछ, ओ मूढ़ मानस!
हमने क्या-क्या अब तक देखा है
जो तुमने भी न देखा आजतक वो भी
हमने देखा है...!

1 comment:

  1. Wah Wah Pooja Nice one , Keep it Up & Keep Writing Wish you Goodluck

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