मेरे आंसू और मैं- mere aansu aur main..
मेरे आँसू और मैं..
बड़े ही अरमानों से सजाया था
प्रेम का एक आशियाना मैंने
एक आँधी आई और
और...
सब तिनकों तिनकों में
बिखर गया..
एक ज्वाला सी आई
सब घर को जला कर
राख में मिला कर
अपने गंतव्य को
चली गई..
और...
बस अवाक देखते
रह गए उस आशियाने
की तबाही का मंजर
मेरे आंसू और मैं...!
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