कौन तुम हो?- Kaun Tum ho...
जो हृदय को शिथिलता दे
वो अनुभूति तुम हो...
जो राधा-कृष्ण में हुआ
वो प्रेम तुम हो..
जो आत्मा-परमात्मा का हुआ
वो अद्भुत मिलन तुम हो..
जो सृष्टि का भगवान से है
वो सबंध तुम हो..
मृत देह को जो जीवन दे
वो प्राण तुम हो...
निर्झर जीवन को गति दे
वो बहती धारा तुम हो..
नाविक की नाव को मिला
वो किनारा तुम हो...
छिन्न-भिन्न सी मुझ को मिला
वो सहारा तुम हो....
प्रसन्नता में मिला ईश्वर का
वो उपहार तुम हो..
जिसे प्रकृति ने सजाया
वो संसार तुम हो..
सर्द सी रातों में मुझे मिला
वो तपता अलाव तुम हो...
जो विरह को मिटा दे
वो लगाव तुम हो...
फिर भी मुझसे पूछते हो
मेरे जीवन में कौन तुम हो..
जिसे कोई समझ न सके
मेरे जीवन की वो पहेली तुम हो..!
- पूजा सांगवान
अच्छी कविताएं हे
ReplyDeleteवाह👌👌👌👌👌
ReplyDeleteMastani ji aap kab se poem likhne lage ho
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